श्री सांवलियाजी प्राकट्य स्थल मंदिर 5 गाँवो का मंदिर है। ये गाँव बागुंड, भादसोड़ा, गुढ़ा, सोहन खेड़ा एवं मदनपुरा है। इन पांचो गांवों से चुने गए प्रतिनिधि सदस्य आम सभा का प्रतिनिधित्व करते है। |
प्रबंध कार्यकारिणी :- श्री मोतीलाल जी मेहता मंदिर के प्रारंभ 1961 से उनके निधन 2002 तक प्रबंध कार्यकारिणी के संस्थापक अध्यक्ष रहे।
प्रबंध कार्यकारिणी समिति के लिए बागुंड(15), भादसोड़ा(33), गुढ़ा(04), सोहन खेड़ा(09) एवं मदनपुरा(04) गावों से कुल 65 प्रतिनिधि चुने जाते हैं। वे प्रबंध कार्यकारिणी समिति के सदस्यों का चयन करते है जो मंदिर की व्यवस्थाओं को देखती है।
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क्र. स. |
पद |
नाम |
पिता का नाम |
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गाँव |
1. |
अध्यक्ष
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श्री शांति लाल मेहता |
श्री मोती लाल मेहता |
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भादसोड़ा |
2. |
उपाध्यक्ष |
श्री बाबूलाल ओझा |
श्री मिट्ठालाल ओझा |
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भादसोड़ा |
3. |
उपाध्यक्ष |
श्री गंगाराम जाट |
श्री लखमा जाट |
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बागुंड |
4. |
कोषाध्यक्ष |
श्री अशोक कुमार अग्रवाल |
श्री रतनलाल अग्रवाल |
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भादसोड़ा |
5. |
मंत्री |
श्री नरेन्द्र कुमार खेरोदिय |
श्री भँवरलाल खेरोदिया |
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भादसोड़ा |
6. |
प्रचार मंत्री |
श्री
नारायणलाल जाट |
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7. |
सदस्य |
श्री प्रताप जाट |
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बागुंड |
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श्री भीमराज बंजारा |
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बागुंड |
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श्री रतन लाल जाट |
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सोहन खेड़ा |
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श्री कालू गायरी |
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सोहन खेड़ा |
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श्री शंकर सिंह शक्तावत |
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गुढ़ा |
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श्री भंवर सिंह शक्तावत |
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गुढ़ा |
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श्री अमरा गायरी |
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मदनपुरा |
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श्री रामप्रसाद सारस्वत |
श्री गेहरीलाल सारस्वत |
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भादसोड़ा |
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श्री शंकर लाल उपाध्याय |
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भादसोड़ा |
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श्री मुरलीधर सोनी |
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भादसोड़ा |
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प्रतिनिधि सदस्य :- |
पांचो गाँव बागुंड, भादसोड़ा, गुढ़ा, सोहन खेड़ा एवं मदनपुरा से ग्रामवासियों के निम्नानुसार कुल 65 प्रतिनिधि सदस्य चयनित किये जाते है। |
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प्रस्तावित निर्माण:- |
मंदिर की भावी विकास योजनाओं में दुकानों के ऊपर महिला एवम पुरुष यात्रियों के ठहरने के लिए अलग- अलग विश्राम केंद्र का निर्माण, नयी भोजनशाला का निर्माण,जल-मंदिर, मंदिर के अंदर जड़ाई का कार्य (In-lay Work),2 मंदिर क्रमश: शिव मंदिर, गायत्री मंदिर, 2 विशाल द्वार , मंदिर के बाहर धरातल पर फर्श, सुलभ काम्प्लेक्स का निर्माण, नए फर्श का निर्माण तथा बरामदों में विभिन्न देवी-देवताओं की विशाल आदम-कद प्रतिमाएं लगाने की योजना है।
अन्य योजनाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए विशाल मंच का निर्माण व पर्यावरण विकास कार्य सम्मिलित है| इस पुरे कार्य में 2-3 करोड़ रूपये खर्च होने की संभावना है।
मंदिर के लिए दान देने वाले दानदाताओं को आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के अंतर्गत छुट उपलब्ध है। |
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श्री सांवलियाजी ग्रामीण विकास केंद्र :- |
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सामुदायिक विकास को ध्यान में रखते हुए श्री सांवलियाजी ग्रामीण विकास केंद्र की स्थापना की गयी है जिसके द्वारा मेधावी बच्चो को शिक्षा हेतु सहायता. निःशक्त जानो को अन्न सहायता, चिकित्सा सहायता, कृषि एवं पशु विकास आदि कार्य किये जाते हैं।
महिला विकास हेतु एक तकनीकी केंद्र भी चलाया जा रहा है। मंदिर के संसाधनों में विकास के साथ आने वाले समय में इस कार्य में और भी नए आयाम जुड़ेंगे। |
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